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Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir : भारत के दस सबसे अमीर मंदिर
भारत के दस सबसे अमीर मंदिर (Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir): भारत को हमेशा से उसके रीती रिवाज, संस्कृति, धर्म, कला के लिए जाना जाता है। यहाँ हर धर्म के, हर जात के लोग रहते है। हमेशा से देखा गया है, की बाहर देश में हमारे देश की संस्कृति को लेकर हमेशा अच्छी बाते की जाती है।
भारत देश में लोगो के पास जितना रूपया नहीं है उससे कई ज्यादा यहाँ के मंदिरो में है, क्युकी भारत में लोगो को भगवान् में इतनी श्रद्धा है की वो अपने मनोकामना पूरी होने पर भगवान् को कुछ न कुछ दान में देते रहते है।
आज हम इस आर्टिकल में भारत के दस सबसे अमीर मंदिरो (Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir) के बारे में जानेंगे इसके अलावा उन मंदिरो का इतिहास और स्थापना के बारे में जानेंगे।
1 . पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुवंतपुरम में स्थित है। इस मंदिर में विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। ये भारत का सबसे अमीर मंदिर है, जहाँ हर साल लाखो लोग भगवान पद्मनाभस्वामी जी के दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर में भगवान् विष्णु अपने शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान है।
भगवान् विष्णु की विश्राम अवस्था को “पद्मनाभ” कहा जाता है, जिस वजह से यहाँ विराजमान भगवान् विष्णु पद्मनाभ स्वामी के नाम से विख्यात है, इसके अलावा भगवान् के नाग “अनंत” के नाम पर ही इस जगह का नाम तिरुअनंतपुरम रखा गया है। मंदिर के पास स्थित सरोवर को “पद्मतीर्थ कुलम” सरोवर के नाम से जाना जाता है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास, निर्माण एवं स्थापना
पद्मनाभस्वामी मंदिर का निर्माण राजा मार्तण्ड द्वारा करवाया गया था। उसके बाद इस मंदिर की बोहत बार मरम्मत की जा चुकी है। उदाहरणार्थ 1733 ई0 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावणकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवा था।
पद्मनाभस्वामी मंदिर की संपत्ति
बोहत दिनों से पद्मनाभस्वामी मंदिर तथा इसकी सम्पतियो की देख – रेख का काम एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा था जिसके अध्यक्ष त्रावणकोर के राजपरिवार थे। किन्तु अब इसकी देख – रेख का कार्य भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज परिवार से ले लिया है।
2011 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुरातत्व विभाग को मंदिर के गुप्त तहखानों को खोलने का आदेश दिया गया, जहाँ करीब दो लाख करोड़ की संपत्ति मिली। हलाकि अभी भी तहखाने – बी नहीं खोला गया है।
2. तिरुपति बालाजी मंदिर आँध्र प्रदेश
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: तिरुपति बालाजी को तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति शहर में स्थित है। तिरुपति बालाजी भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरो में से एक है। यह मंदिर तिरुमला के पहाड़ियों पर स्थित है। यहाँ हर साल लाखों की संख्या में दर्शनार्थी आते है।
इस मंदिर में वेंकटेश्वर भगवान की पूजा की जाती है,जो भगवान विष्णु के ही रूप है।
तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, निर्माण एवं स्थापना
तिरुपति बालाजी मंदिर 5वीं शताब्दी तक एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुकी थी। इसके स्थापना को लेकर कोई प्रमाण नहीं है। कहा जाता है की चोल, होयसल और विजय नगर के राजाओ ने आर्थिक रूप से इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
तिरुपति बालाजी मंदिर की संपत्ति
तिरुपति बालाजी के मंदिर में करोड़ो रूपए के सोने चाँदी के अलावा लगभग पच्चास हज़ार करोड़ रूपए की संपत्ति है।
3. गुरुवयूरप्पन मंदिर केरल
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: गुरुवयूरप्पन मंदिर केरल के त्रिसूर जिले के गुरुवयूर शहर में स्थित है। गुरूवायूरप्पन मंदिर हिन्दुओ के सबसे पवित्र मंदिरो में से एक है। इस मंदिर में गैर हिन्दुओ का प्रवेश वर्जित है। यह भारत की तीसरी सबसे अमीर मंदिर है।
गुरूवायूरप्पन मंदिर का इतिहास, निर्माण एवं स्थापना
गुरूवायूरप्पन मंदिर 5000 साल पुराना है और 1638 ई0 में इसका पुनर्निर्माण करवाया गया था। गुरूवायूरप्पन मंदिर के अध्यक्ष केबी मोहन दास है। इस मंदिर को गुरूवायूरप्पन श्री कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। एक कथा के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण वृहस्पति (गुरु) और पवन (वायु) देवता ने करवा था, क्युकी द्वारका में बाढ़ आने के वजह से भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बह गयी थी, फिर मूर्ति की स्थापना के लिए उपयुक्त जगह खोजी गयी जो केरल में मिली थी। तब वहीं दोनों देवताओं के द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया।
गुरूवायूरप्पन मदिर की संपत्ति
गुरूवायूरप्पन मंदिर की संपत्ति लगभग पच्चीस सौ करोड़ रूपए है।
4. श्री वैष्णो देवी जम्मू
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: श्री वैष्णो देवी मंदिर को हिन्दुओ की पवित्रतम मंदिरो में से एक माना गया है। श्री वैष्णो देवी जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू जिले के कटरा नगर के समीप स्थित है। यह मंदिर जमीन से 5200 फ़ीट की उचाई पर त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है। कटरा से इस मंदिर की दुरी लगभग 12 किलोमीटर है। हर वर्ष लाखो श्रद्धालु माँ वैष्णो देवी के मंदिर जाती है।
श्री वैष्णो देवी की संपत्ति
श्री वैष्णो देवी मंदिर का संचालन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से किया जाता है, जो की 1986 में बनाया गया था। मंदिर की वार्षिक आय की बात करे तो हर वर्ष चढ़ावे और अन्य श्रोतो से लगभग पाँच सौ करोड़ रूपए दान में दिए जाते है।
5. साईं मंदिर शिरडी
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: साईं बाबा का जन्म 24 सितम्बर 1835 को हुआ था (विकिपीडिया के अनुसार) और उनकी मृत्यु 15 अक्टूबर 1918 को हुआ था। साईं बाबा का मंदिर महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित है। हर साल यहाँ लाखो श्रद्धालुओ की भीड़ लगी रहती है। शिरडी मुंबई से करीब 250 किलोमीटर और औरंगाबाद से 110 किलोमीटर दूर है।
साईं मंदिर की संपत्ति
शिरडी के साईं बाबा मंदिर की हर साल लगभग 320 करोड़ रुपए कमाई है।
6. जगन्नाथ मंदिर ओडिशा
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। जगन्नाथ का मतलब जगत के स्वामी होता है। इस मंदिर के मुख्य तीन देवता हैं ,भगवान जगन्नाथ ,उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा। इस मंदिर की स्थापना 12 वी शताब्दी में इंद्रदयुम्न नामक राजा द्वारा करवाया गया था।
7. स्वर्ण मंदिर अमृतसर
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: स्वर्ण मंदिर सीख धर्म का सबसे धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है, जिसे दरबार साहिब या स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) भी कहा जाता है। यह मंदिर पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है। इस मंदिर का बाहरी हिस्सा सोने से बना हुआ है, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाता है।
स्वर्ण मंदिर का इतिहास, निर्माण एवं स्थापना
इस मंदिर का नक्शा गुरु अर्जुन देव जी ने लगभग 400 साल पहले तैयार किया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर 1585 में शुरू हुआ और अगस्त 1604 तक चला। इस मंदिर की नीव गुरु रामदास जी ने रखी थी।
स्वर्ण मंदिर की संपत्ति
ट्रिब्यून अख़बार के मुताबिक सालाना स्वर्ण मंदिर को 75 करोड़ रुपये दान में दिए जाते है।
8. सबरीमाला मंदिर केरल
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: सबरीमाला मंदिर केरल के पत्तनमत्तिट्टा जिले में स्थित पेरियार टाइगर अभ्यारण में स्थित है। यहाँ विश्व का सबसे बड़ा वार्षिक तीर्थ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमे प्रतिवर्ष 2 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु सम्मिलित होते है।
सबरीमाला का अर्थ पर्वत होता है। सबरीमाला “शैव” और “वेष्णवो” के बिच की अद्भुत कड़ी है। इस मंदिर में भगवान अयप्पन की पूजा की जाती है।
सबरीमाला मंदिर की संपत्ति
सबरीमाला मंदिर में हर साल करीब 15 किलो सोना और 105 करोड़ रुपये चढ़ाया जाता है।
9. सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 19 नवंबर 1801 ई0 में हुआ था। सिद्धिविनायक भगवान् गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। कहा जाता है, अगर भगवान् गणेश की प्रतिमा में उनका सुंड दाई ओर मुड़ा रहता है, तब वह मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास, निर्माण एवं स्थापना
कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण 1892 में किया गया था, पर सरकारी दस्तावेज के आधार पर इस मंदिर की स्थापना 19 नवंबर 1801 को किया गया। इस मंदिर की स्थापना विटुक और देऊबाई पाटिल के द्वारा किया गया था। पहले सिद्धिविनायक का मंदिर बोहत छोटा था, पर लोगो की आस्था बढ़ने की वजह से इसका कई बार पुनर्निर्माण किया जा चूका है। 1991 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 20 हज़ार वर्गफीट की जमीन दान में दी गयी।
सिद्धिविनायक मंदिर की संपत्ति
सिद्धिविनायक मंदिर की वार्षिक आय लगभग 46 करोड़ रुपये है। यह मंदिर भारत का नौवा सबसे अमीर मंदिर है। इस मंदिर के ट्रस्ट में 125 करोड़ रुपये जमा है।
10. सोमनाथ मंदिर गुजरात
Bharat Ke Das Sabse Amir Mandir: सोमनाथ मंदिर गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के वेरावल शहर में स्थित है। इस मंदिर को सूर्य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इस मंदिर में भगवान् सोमनाथ (शिव) की पूजा की जाती है।
इस मंदिर का वर्तमान ढांचा 1951 में सरदार बल्लव भाई पटेल के द्वारा बनवाया गया था।
ऊपर दी गयी जानकारी (भारत के दस सबसे अमीर मंदिर) हमेशा सही नहीं हो सकती ये कभी भी बदल सकती है। ये सारी जानकारी मैने खुद इंटरनेट से ली है। आशा करता हूँ ये सारी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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